प्यार में मिले हुए धोखे बहुत ही दर्द देते हैं। हमने आपके लिए बेवफा शायरी ( Bewafa Shayari ) लाए हैं। आप अपना दुख हल्का कर सकते हैं यह दर्द भरी शायरी आपके जख्म भरने में मदद करेगी जब आपका दिल टूट जाता है। तो बड़ा अकेला सा महसूस होता है कोई आपका दिल तोड़ जाए तो रोना नहीं जिंदगी में कुछ करके दिखाना है। आखिर उसने दिल तोड़ा है किसका।
बेवफा शायरी | Bewafa Shayari in Hindi

मिल ही जाएगा कोई👩 ना कोई टूट💔 के चाहने वाला,
अब शहर का शहर तो बेवफा ☹ हो नहीं सकता।
तेरी बेवफाई को भुला ना सकेगें,
चाहे भी तो कभी मुस्कुरा ना सकेगें,
तुझको तो मिल गया यार अपना,
अपना किसी को हम बना ना सकेगें।
मत रख हमसे वफा की उम्मीद ऐ सनम,
हमने हर दम बेवफाई पाई है,
मत ढूंढ हमारे जिस्म पे जख्म के निशान,
हमने हर चोट दिल पे खाई है।
वो मुझसे मिली भी तो बन के बेवफा ही मिली,
इतने मेरे गुनाह नहीं थे जितनी की मुझे सजा मिली।
बेवफा तेरा मासुम चेहरा
भूल जाने के काबिल नहीं,
है मगर तू बहुत खूबसूरत
पर दिल लगाने के काबिल नहीं।
वो तो अपने दर्द रो-रो के सुनाते रहे,
हमारी तन्हाइयों से आँख चुराते रहे,
और हमें बेवफा का नाम मिला क्योंकि,
हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे।
ज़िंदगी से बस यही एक गिला है,
ख़ुशी के बाद न जाने क्यों गम मिला है,
हमने तो की थी वफ़ा उनसे जी भर के,
पर नहीं जानते थे कि वफ़ा के बदले बेवफाई ही सिला है।
चाहा था जिसे उसे भुलाया ना गया,
जख्म दिल का लोगों से छुपाया ना गया,
बेवफाई के बाद भी इतना प्यार करता है दिल उनसे,
की बेवफाई का इल्जाम भी उस पर लगाया ना गया।
तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना,
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे,
तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर,
कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे।
कुछ इस तरह से
मेरी जिन्दगी को
मैंने आसान कर लिया,
भुलाकर तेरी बेवफ़ाई
अपनी तन्हाई से
मैंने प्यार कर लिया।
वो खुदा था मेरा अब मेरा ईमान है,
चला गया छोड़ कर इसलिए दिल उदास है,
बेवफा नही कहूँगा मैं उसको,
क्योंकि इश्क़ करना उसका मुझ पर अहसान है।
हर हीरा चमकदार नहीं होता,
हर समंदर गहरा नहीं होता,
दोस्तो जरा संभल कर प्यार करना,
हर खूबसूरत चेहरा वफादार नहीं होता।
Dard Bhari Bewafa Shayari
न जाने मेरी मौत कैसे होगी,
पर ये तो तय है की तेरी बेवफ़ाई से तो बेहतर होगी।
सारे गुनाहों का इल्जाम मेरे सर पर आया,
बुरा में उतना भी नहीं, जितना तुमने बनाया।
भुला कैसे दू उसे दिल जिसने मेरा तोडा था,
ज़रुरत थी जब मुझे उसकी सबसे ज्यादा,
तब साथ उसने मेरा छोड़ा था।
हर धड़कन में एक राज़ होता है,
बात को बताने का एक अंदाज़ होता है,
जब तक ठोकर न लगे बेवफ़ाई की,
हर किसी को अपने प्यार पर नाज़ होता है।
तेरी याद ने हमें जीने न दिया,
चैन से हमको अब मरने न दिया,
हम पीते है तेरी याद में ज़ालिम,
पर इस दुनिया ने हमें पीने न दिया।
मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा,
जिन्हे दावा था वफा का,
उन्हें भी हमने, बेवफा देखा।
टूटे हुये प्याले में जाम नहीं आता,
इश्क में मरीज को आराम नहीं आता,
ऐ बेवफा दिल तोड़ने से पहले ये सोच लिया होता,
की टूटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता।
अगर दुनिया में जीने की चाहत न होती,
तो खुदा ने मोहब्बत बनाई न होती,
इस तरह लोग मरने की आरजू न करते,
अगर मोहब्बत में किसी की बेवफाई न होती।
बेवफाई ही मिली सिर्फ वफ़ा के नाम से,
ज़ख्म ही ज़ख्म दिए उसने दवा के नाम से,
आसमान भी रो पड़ा मेरी मोहब्बत के अंजाम से।
मोहब्बत में क्यों बेवफाई होती है,
सुना था प्यार में गहराई होती है,
टूट कर चाहने वाले के नसीब में,
क्यों सिर्फ फिर तन्हाई होती है।
इस कदर वो निकल गए रास्ते से,
जैसे कि वो मुझे पहचानते ही नहीं,
मेरे इस दिल ने कितने ज़ख्म खाए हैं,
फिर भी हम उन्हें बेवफ़ा मानते ही नहीं।
तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे,
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे,
अगर दिल ने कहा तुम बेवफ़ा हो,
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।
तुमसे तो बेवफाई की उम्मीद ना थी,
क्योंकि तुम्हारी तो मेरी हाँ में हाँ थी,
फिर क्यूँ मुझे अचानक तन्हा छोड़ गए,
दिल मिलाकर के फिर दिल क्यू तोड़ गए।
काम आ सकीं ना मेरी वफ़ाएं तो हम क्या करें,
मोहब्बत उस बेवफा की भूल न जाएं तो क्या करें।
टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी,
मेरी साँसों ने हर पल उसकी ख़ुशी मांगी,
न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से,
की मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी।
ऐ दोस्त कभी ज़िक्र-ए-जुदाई न करना,
मेरे भरोसे को रुस्वा न करना,
दिल में तेरे कोई और बस जाए तो बता देना,
मेरे दिल में रहकर बेवफाई न करना।
रात की गहराई आँखों में उतर आई,
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के-हल्के,
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई।
कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गई,
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गई,
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने,
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गई।
उन्हें एहसास हुआ है इश्क़ का हमें रुलाने के बाद,
अब हम पर प्यार आया है दूर चले जाने के बाद,
क्या बताएं किस कदर बेवफ़ा है यह दुनिया,
यहाँ लोग भूल जाते हैं किसी को दफनाने के बाद।
किसी और के बाहों में रहकर,
वो हमसे वफ़ा की बाते करते हैं,
ये कैसी चाहत है यारो,
वो बेवफा है जानकर भी,
हम उन्ही से प्यार करते हैं।
गहराई प्यार में हो तो बेवफाई नहीं होती,
सच्चे प्यार में कहीं तन्हाई नहीं होती,
मगर प्यार ज़रा संभल कर करना मेरे दोस्त,
प्यार के ज़ख्म की कोई दवा नहीं होती।
आज हम उनको बेवफा बताकर आए हैं,
उनके खतो को पानी में बहाकर आए हैं,
कोई निकाल न ले उन्हें पानी से
इसलिए पानी में भी आग लगा कर आए हैं।
वफ़ा-ए दिनों को याद करते है,
तू अब भी मिल जाए फ़रियाद करते है,
तेरी बेवफाई को अब भी भुला देंगे हम,
वफाओ से तेरी ज़िन्दगी महका देंगे हम।
अब ना तेरी आने की खुशी,
ना जाने की गम होता है,
हमें पता है के तू बेवफा है,
इस बात सी अनजान नहीं है हम।
वफ़ा के नाम से वो अनजान थे,
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे,
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला,
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे।
उसके चेहरे पर इस क़दर नूर था,
कि उसकी याद में रोना भी मंज़ूर था,
बेवफा भी नहीं कह सकते उसको ज़ालिम,
प्यार तो हमने किया है वो तो बेक़सूर था।
कहाँ से लाऊं वो शब्द जो तेरी तारीफ के क़ाबिल हो,
कहाँ से लाऊं वो चाँद जिसमें तेरी ख़ूबसूरती शामिल हो,
ए मेरे बेवफा सनम एक बार बता दे मुझकों,
कहाँ से लाऊं वो किस्मत जिसमें तू बस मुझे हांसिल हो।
ये बेवफा, वफा की कीमत क्या जाने,
ये बेवफा गम-ए-मोहब्बत क्या जाने,
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर,
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने।
ना करना प्यार कभी किसी मुसाफिर से,
उनका ठिकाना बहुत दूर होता हैं,
वो कभी बेवफा तो नहीं होते,
मगर उनका जाना जरूर होता हैं।
काश कि हम उनके दिल पे राज़ करते,
जो कल था वही प्यार आज करते,
हमें ग़म नहीं उनकी बेवफाई का,
बस अरमान था कि
हम भी अपने प्यार पर नाज़ करते।
अच्छा होता जो उस बेवफा से प्यार न हुआ होता,
चैन से रहते हम जो उसका दीदार ना हुआ होता,
आज पहुँच चुके होते अपनी मंज़िल पर,
अगर उस बेवफा पर ऐतबार न हुआ होता।
बर्बाद कर गए वो ज़िंदगी प्यार के नाम से,
बेवफाई ही मिली हमें सिर्फ वफ़ा के नाम से,
ज़ख़्म ही ज़ख़्म दिए उसने दवा के नाम से,
आसमान भी रो पड़ा मेरी मोहब्बत के अंजाम से।
हसीनो ने हसीन बनकर गुनाह किया,
औरों को तो क्या हमको भी तबाह किया,
पेश किया जब ग़ज़लों में हमने उनकी बेवफ़ाई को,
औरों ने तो क्या उन्होने भी वाह-वाह किया।
दिल के दरिया में धड़कन की कश्ती है,
ख़्वाबों की दुनिया में यादों की बस्ती है,
मोहब्बत के बाजार में चाहत का सौदा है,
वफ़ा की कीमत से तो बेवफाई सस्ती है।
किस-किस को तू खुदा बनाएगी,
किस-किस की तू हसरतें मिटाएगी,
कितने ही परदे डाल ले गुनाहों पे,
बेवफा तू बेवफा ही नजर आएगी।
बेवफा से दिल लगा लिया नादान थे हम,
गलती हमसे हुई क्योंकि इंसान थे हम,
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती है,
कुछ समय पहले उनकी जान थे हम।
लफ्ज़ वही हैं, माईने बदल गये हैं,
किरदार वही, अफ़साने बदल गये हैं,
उलझी ज़िन्दगी को सुलझाते सुलझाते,
ज़िन्दगी जीने के बहाने बदल गये हैं।
न रहा कर उदास ऐ दिल किसी बेवफा की याद में,
वो खुश है अपनी दुनिया में तेरा सबकुछ उजाड़ के।
प्यार किया था तो प्यार का अंजाम कहाँ मालूम था,
वफ़ा के बदले मिलेगी, बेवफाई कहाँ मालूम था,
सोचा था तैर के पार कर लेंगे, प्यार के दरिया को,
पर बीच दरिया मिल जायेगा, भंवर ,कहाँ मालूम था।
मुझे उसके आँचल का आशियाना न मिला,
उसकी ज़ुल्फ़ों की छाँव का ठिकाना न मिला,
कह दिया उसने मुझको ही बेवफा,
मुझे छोड़ने के लिए कोई बहाना न मिला।
आप बेवफा होंगे सोचा ही नहीं था,
आप भी कभी खफा होंगे सोचा नहीं था,
जो गीत लिखे थे कभी प्यार पर तेरे,
वही गीत रुसवा होंगे सोचा ही नहीं था।
वो बेवफा है तो क्या हुआ मत बुरा कहो उसको,
जो हुआ सो हुआ बस दुआ करो,
खुश रखे खुदा उसको।
जिंदगी में प्यार का पौधा लगाने से पहले,
जमीन परख लेना,
क्योंकि हर मिट्टी की फितरत में,
वफ़ा नहीं होती।
जब हम तुमसे प्यार करते हैं, तो दिल लगाकर प्यार करते थे लेकिन तुम बेवफा क्यों निकली पता है। क्या तुम्हारे जाने के बाद मेरा क्या हाल हो चुका है। ना ही मुझे कुछ खाने का मन करता है। ना ही मैं चैन से सो पाता हूं जिंदगी पूरी नर्क जैसी होती जा रही है। अब तुम ही बताओ मैं क्या करूं।
हमको पता है, कि आपका दिल टूटा हुआ है यहां Bewafa Shayari कुछ ना कुछ आपके नाजुक दिल पर मरहम तो लगाई होगी।